
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 22 जुलाई 2025/कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए स्कूल शिक्षा विभाग का बैठक लिया। कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने बैठक में उपस्थित बीईओ, एबीईओ, संकूल समन्वयक, प्राचार्य से पूछे कि, विगत वर्ष में जिले का परीक्षा परिणाम कम क्यों आया और इस शैक्षणिक वर्ष में परिणाम को बेहतर कैसे बनाएं इसके लिए क्या रणनीति बनाएं हैं। इसके साथ ही सभी प्राचार्य जिनके स्कूल में परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत के आसपास था, उनसे क्या कमी थी और जिनके टॉपर प्रतिशत वाले स्कूल के प्राचार्य से क्या रणनीति से आपने पढ़ाया, क्रमवार सभी स्कूल प्राचार्यों से कलेक्टर ने जानकारी लिया। कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने बैठक में कहा कि कोई भी संस्था किस प्रकार संचालित होता है वो संस्था प्रमुख पर निर्भर होता है। बच्चों की उपस्थिति पर्याप्त है। बच्चों को शिक्षक का पढ़ाने का तरीका कैसा है, उसको जानने के लिए प्राचार्य शिक्षक के पढ़ाने के दौरान कक्षा में उपस्थित होकर अवलोकन करें और यदि कोई कमी है तो उसें दूर करने के लिए समझाएं। साथ ही शिक्षक जिस टॉपिक को पढ़ा चुके हैं उसका क्रॉस चेक के लिए बच्चों से प्रश्न करें। यदि बच्चे जवाब नहीं दे पाएं इसका अर्थ है कि वह उस टॉपिक को ठीक ढंग से नहीं समझ पाएं हैं। इसी प्रकार जो पढ़ाएं है उसी चेप्टर को कक्षा के होशियार बच्चों से दोहराने के लिए बोलें। सीईओ इंद्रजीत बर्मन ने कहा कि सभी विद्यालय का वास्तविक निरीक्षण कर निर्धारित प्रारूप में जानकारी प्रस्तुत करें। समय पर स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही की जाएगी। अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे ने कहा कि सभी प्राचार्य और प्रधान पाठक अपने अधीनस्थ शिक्षकों का डेली डायरी देखें और उस मुताबिक उन्होंने कोर्स पढ़ाया या नहीं पढ़ाया इसकी जानकारी लें। यह आपकी जिम्मेदारी है कि शिक्षक को होमवर्क दें। यदि किसी स्कूल में किसी विषय का शिक्षक नहीं है तो भारत सरकार के दीक्षा पोर्टल का उपयोग अपने प्रोजेक्टर के माध्यम से उस विषय और टॉपिक का वीडियो ऑडियो बच्चों को दिखाएं। साथ ही पालक मीटिंग कर बच्चों की शिक्षा स्थिति की जानकारी दें निश्चित ही आगामी दिनों में बच्चों की पढ़ाई में सुधार आएगा। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जोईधा राम डहरिया, नोडल अधिकारी समग्र शिक्षा नरेश चौहान, बीईओ रेशमलाल कोसले, नरेन्द्र जांगड़े, सत्यनारायण साहू, एबीईओ मुकेश कुर्रे, सोमा सिंह ठाकुर, प्राचार्यगण आदि उपस्थित थे।
क्या है दीक्षा पोर्टल और एप्प
दीक्षा (नॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग) को औपचारिक रूप से भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा 05 सितंबर 2017 को लॉन्च किया गया था। दीक्षा पोर्टल एक उन्नत प्लेटफॉर्म है जो एनरॉयड और आईओएस उपयोगकर्ताओं के लिए भी उपलब्ध है। दीक्षा : नेशनल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फोर टीचर्स, मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है। इसमें कक्षाकक्ष अनुभव के सृजनार्थ पाठ, योजनाएं वर्कशीट वे गतिविधियां लोड की जाती हैं। पोर्टल से शिक्षक अपने करियर चक्र को समझ पाते हैं। स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने से सेवानिवृत्ति तक, वे अपने करियर की प्रगति का मiनचित्रण व तदनुसार, अपने कौशल में सुधार ला सकते हैं। गुगल प्ले स्टोर से दीक्षा ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। मोबाइल ऐप न केवल शिक्षकों बल्कि छात्रों और अभिभावकों के लिए भी उपलब्ध है। एप्लिकेशन को आकर्षक शिक्षण सामग्री के साथ लोड किया गया है जो निर्धारित स्कूल पाठ्यक्रम की जरूरतों को पूरा करता है। अध्यापकों द्वारा बनाई गई अंत:क्रिया सामग्री और छात्रों और शिक्षकों द्वारा भारत में, भारत द्वारा, भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ भारतीय विषय- सामग्री रचनाकारों का पता लगाना। पाठ्यपुस्तकों से क्यूआर कोड को स्कैन करना और विषय से संबंधित अतिरिक्त शिक्षण सामग्री तलाशना। इंटरनेट कनेक्टिविटी के बगैर भी विषय वस्तु को ऑफलाइन संग्रहित व साझा करना। स्कूल कक्षा में पढ़ाई संबंधी पाठ व वर्कशीट का पता लगाना।
अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मराठी, कन्नड़, असमिया, बंगाली, गंजराती, उर्दू और शीघ्र ही अन्य भारतीय भाषाओं में ऐप का अनुभव।
वीडियो, पीडीएफ, एचडीएमएल, ईपब, एच5पी, प्रश्नोत्तरी जैसे बहुविषयक विषय सामग्री प्ररूपों में सहायता- अधिक प्ररूप शीघ्र उपलब्ध होंगे। अपनी कक्षा को रुचिकर बनाने के लिए इंटरएक्टिव व दिलचस्प शिक्षण सामग्री का पता लगाना। छात्रों को मुश्किल अवधारणाएं स्पष्ट करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवहार देखना व अन्य शिक्षकों के साथ साझा करना। अपने व्यावसायिक विकास को सुधारने के लिए पाठ्यक्रमों में शामिल होना और इनके पूरा करने पर बैज व प्रमाणपत्र अर्जित करना।
स्कूल शिक्षक के रूप में अपने पूरे करियर का इतिहास देखना। जिन छात्रों के पास दीक्षा ऐप है वे विषयों को सहज वे इंटरएक्टिव तरीके से समझ सकेंगे। ऐसी विशेषताएं हैं जिनसे पाठ में परिवर्तन किया जा सकता है। ऐप से छात्रों को स्व-मूल्यांकन व्यवहार अभ्यास से अपने शिक्षण की जांच करने में आसानी होगी।
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