November 22, 2024

शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल गोड़म में 39 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम का सफल आयोजन

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सारँगढ़ – राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत दृष्टि हीनता के बचाव के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का एक हिस्सा जो नेत्र दान पखवाड़ा प्रत्येक वर्ष 25 अगस्त से 08 सितम्बर तक के बीच मनाया जाता है। यह अभियान लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है। आज 03 अगस्त को यह कार्यक्रम श्री धर्मेश कुमार साहू जी कलेक्टर जिला सारंगढ़ – बिलाइगढ़ के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 एफ़0आर0 निराला जी के मार्गदर्शन सह मुख्य आतिथ्य में शास0 हायर सेकंडरी स्कूल गोड़म में सम्पन्न हुवा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 निराला सर  ने उपस्थित छात्र – छात्राओं, शिक्षक – शिक्षिकाओं को नेत्रदान – महादान के बारे में विस्तार से चर्चा कर बताया विस्तृत जानकारी दिया गया। जैसा की हमारे नेत्रदान करने से दो दृष्टिहीन व्यक्ति के जीवन में रोशनी आ सकती है। सामान्यतः 05 से 60 वर्ष की हर व्यक्ति की आंखे दान के उपयुक्त होती है। ऐसे विषम परिस्थितियों जैसे – रेबीज, टिटनस, एडस, ब्लड कैंसर, आंखों का कैंसर, सेप्टीसीमिया, हेपेटाइटिस, सिफलिस, तपेदिक, लेप्रोसी, डायबिटीज, सर्पदंश,जहर खुरानी, जल कर मरने एवं पानी मे डूबकर मृत्यु होने से आंखे दान के उपयुक्त नही होते। नेत्र दान केवल मृत्यु के तुरंत बाद किया जाता है।


नेत्र दान का लाभ कैसे लें – कार्नियल ओपेसिटी के मरीज का नेत्र विशेषज्ञ से परीक्षण करने से पता चलता है कि नेत्र दान का लाभ मिल सकता है या नही। इसके लिए तीन बाते आवश्यक है – परीक्षण, पंजीयन, प्रतीक्षा। नेत्र दान की प्रक्रिया मृत्यु के महज छः घंटे के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। नेत्र के कॉर्निया वाला भाग निकाले जाने से चेहरे में किसी प्रकार की विकृति नही आती, बल्कि ये नेत्र के भाग (कॉर्निया) किसी भी जरूरतमंद दृष्टिहीन की आँखों मे रोशनी भरकर मुस्कुराते हैं। समाज मे अधिक से अधिक लोगों को आंखों की दान किये जाने हेतु यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही उपस्थित छात्र-छात्राओं को अन्य बीमारी जैसे – एनीमिया, वर्म इंफेस्टेशन, सिकलसेल, तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभाव व उसके रोक-थाम के बारे में बताया गया। उपस्थित बच्चों व शिक्षको को आयुष्मान कार्ड की उपयोगिता का भी बहुत विस्तारपूर्वक जानकारी तथा स्वास्थ्य शिक्षा दिया गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी चर्चा की गई।
आज के इस सफल कार्यक्रम में डॉ0 प्रभुदयाल खरे 【नोडल अधिकारी – आर0बी0एस0के0 (चिरायु)】, श्री नंदलाल इजारदार (डी0पी0एम0), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोड़म के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी श्री ओम प्रकाश कुर्रे, श्री गीता कुमार मनहर (नेत्र सहायक अधिकारी – गोड़म), स्वामी आत्मानंद हायर सेकंडरी स्कूल गोडम के शिक्षक श्री नंदलाल चौहान, श्री अभिमन्यु सिदार, श्री प्रकाश यादव, श्री गुरु शरण सिदार, श्री झाड़ू राम भैना, श्री संदिप कुमार खलखो, श्रीमति शिला त्रिपाठी, श्रीमती निधि देवांगन, कु0 तनु शुक्ला, ब्याख्याता शिक्षक – श्री दीनबंधु इजारदार, श्री ओमप्रकाश पटेल, श्री लम्बोदरदास प्रकाश जी एवं समस्त स्टाफ का सहयोग रहा। छात्र – छात्राओं के बीच मे नेत्र दान पखवाड़ा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराया गया। जिसमें प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान पप्राप्त करने वाले छात्र – छात्राओं को प्रशस्ति पत्र के साथ कलम देकर पुरुस्कृत किया गया।