November 21, 2024

राम कथा मनोरंजन का साधन नहीं आत्मरंजन का साधन है- आकृति तिवारी

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सालर – ग्राम बनहर के राम मन्दिर प्रांगण मे चल रही रामकथा मे लोरमी बिलासपुर से आई हुईं कथा ब्यास सुश्री आकृति तिवारी ने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति को सुधारने की आवश्यकता है मुगलकालीन शिक्षा से बच्चो पर क्या प्रभाव पडेगा औरंगजेब ने अपने तीन भाईयों को मारकर राजा बना जहागीर अपने सात भाईयों को मारकर दिल्ली की गद्दी पर बैठा इस तरह कि शिक्षा से कोई संस्कार नही मिलता हमे अपने बच्चों को राम भरत की शिक्षा देनी चाहिये राम ने पिता की आज्ञा से वनवास प्राप्त किया राम कथा मे आज राम भरत मिलाप पर कहते हुए कहे की भरत जी ने राज्य का त्याग किया खडाऊ को रखकर 14 वर्षो तक भूमि मे तप करते हुए आयोध्या की रक्षा की यह भाई भाई मे प्रेम की शिक्षा रामायण मे मिलता है इसे भारतीय शिक्षा मे शामिल करना चाहिए धन्य भरत जय राम गोसाई ।
कहत देव हरषन बरिआई।।
हमारे शाश्त्र में तीन भरत का उल्लेख है शकुन्तला पुत्र भरत, रीश्ह्भदेव के पुत्र भरत, और राजा दशरथ के पुत्र भरत इन्ही से इस राष्ट का नाम भारत वर्ष पडा राम कथा मनोरंजन का साधन नहीं यह आत्मरंजन का साधन हैं इससे आत्मा को तृप्ति होती है इस कलयुग मे भक्ति बढी है जगह जगह राम कथा हो रही है

शवरी प्रसंग पर कहे की
जाति पांति कुल धर्म बडाई ।
धन बल परिजन गुन चतुराई।।
शवरी जाति से वनवासी राम प्रेम से उनके जूठी बेर खाए निषाद जी को ह्रदय से लगाया नवधा भक्ति का उपदेश देते हुए कहे की पहली भक्ति सन्तो का सत्संग है दुसरी भक्ति भगवान की कथा प्रसंग तीसरी भक्ति अभिमान को त्यागना गुरु के चरण कमलो की सेवा , कपट को छोड़ना राममंत्र का जाप इन्द्रियों को नियंत्रण मे रखना