November 21, 2024

2 वर्ष बीत जाने पर कब्जाधारी पर कार्यवाही नहीं ,,,जिम्मेदार अधिकारी के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह ?

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सारंगढ़ बिलाईगढ़ – एक तरफ जिला कलेक्टर धर्मेश साहू लगातार राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी को कड़े निर्देश देते रहे जिसमे खास कर शासकीय भूमि अतिक्रमण मामले को गंभीरता से लेकर पटवारियों को साफ हिदयात दिया गया की किसी भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हो रहा उसे तत्काल हटाए नहीं तो पटवारी पर कार्यवाही होंगी कहते निर्देश दिया था लेकिन आज उसका पालन होता दिखाई नहीं दे रहा यहाँ पटवारी की मिली भगत से ही शासकीय भूमि को अपने निजी भूमि के साथ शामिल कर कब्ज़ा कर लिया गया और कब्ज़ा हुए अब दो साल बीतने को हैँ जाँच हुआ दोषी पाया गया लेकिन ना तो कब्ज़ा हटाया गया और ना ही दोषी पर कार्यावही हुई बल्कि मामला ठन्डे बस्ता मे चला गया

कब्ज़ाधारी उप सरपंच

मधाईभाठा मे उप सरपंच जैसे जनप्रतिनिधि ही शासकीय भूमि पर किया कब्ज़ा

आपको बता दे मधाईभाठा निवासी उज्जैन रात्रे,दीना जाटवर ने एक लिखित शिकायत दिया जिसमे लेख है कि विनोद कुमार रात्रे उपसरपंच ग्राम पंचायत मधाईभाठा द्वारा अपने व्यक्तिगत निजी स्वार्थ ग्राम पंचायत मधाईभाठा का उप सरपंच पद पर है और एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधी होकर “छ.ग. पंचायती राज अधिनियम की धाराओ ” घोर उल्लघंन कर धज्जियां उड़ाते हुए शासकीय भूमि का बेजा कब्ज़ा सत्र 2022 मे कर लिया है। जे.सी. बी. मशीन से खेत बनाकर अपने पट्टे की भूमि खेत खसरा नं. 848/2 रकबा 0.111 मे शामिल कर धान बोवाई किया है। जिसकी शिकायत अधिकारियो को दिया गया जिसमे बखूबी जाँच किया गया जिसमे दोषी भी पाया गया लेकिन शिकायत को दो वर्ष बीत गए अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यावाही हुई और ना ही कब्ज़ा हटाया गया

अधिकारियो की उदासीनता के कारण शासकीय भूमि हो रहा अतिक्रमण

अतिक्रमण का खेला जोरो से चल रहा क्योंकि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे कई अधिकारी सिर्फ मलाई खाने मे लगे हुए हैँ यहाँ कलेक्टर साहब आदेश देते रहे अतिक्रमण रोकने के लिए और जब शासकीय जमीन का कब्ज़ा जैसे मामला अधिकारी तक पहुंच जाता है लेकिन शिकायत की फाइल रद्दी की कागज बन जाता हैँ हालकी शुरवाती दिनों मे मामले को गंभीरता से लिया जाता हैँ जाँच पूर्ण होते ही फाइल ठन्डे बस्ते मे चला जाता हैँ आखिर क्यों दोषी पर कार्यवाही नहीं हुई, आखिर कब्ज़ाधारी से अब तक कब्ज़ा क्यों नहीं हटाया गया, आखिर दो साल हो गए क्यों मामला रद्दी की कागज बन गया इस तरह के कृत्य से अधिकारियो की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे शासकीय भूमि का अवैध कब्ज़ा का सबसे बड़ा कारण अधिकारियो की उदासीनता बन चूका अब देखना यह होगा की अधिकारी जागते हैँ या फिर उदासीनता की चादर ओढे सोये रहते हैँ ?

कब्ज़ा जमीन