सारँगढ़ – सारँगढ़ बिलाईगढ़ जिला 2 वर्ष पूर्ण हो चुका है सारँगढ़ नगरपालिका पान पानी पालगी की नगरी के नाम से मशहूर है लेकिन जितना महशुर हैँ उतना ही चर्चित चर्चा भले ही नाम का नहीं बदनाम का हो लेकिन उससे किसी को कोई सरोकार नहीं अमूमन अन्य जिलों या शहरों मे यह देखने को यह मिलता है शासकीय स्थलों को संरक्षित और सुरक्षित के साथ विकास के लिए कदम उठाये जाते है लेकिन सारंगढ़ मे इसका उल्टा होता है यहाँ शासकीय जमीन को अतिक्रमणकारी कब्ज़ा कर मकान दूकान निर्माण कराते है और अधिकारी चुप बैठे रहते है अगर कोई अधिकारी संज्ञान भी ले तो कार्यावही की फाइल उच्च अधिकारी की टेबल पर पहुंचते ही कही खो जाती है ठीक ऐसा ही एक मामला सारंगढ़ नगरपालिका का है जहाँ शासकीय जमीन नावातालाब को कब्ज़ा कर मकान दूकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया आज जिस तरह से पानी से लबालब तालाब को कुछ दुकानदारों द्वारा 10 फिट 20 फिट लम्बा चौड़ा अतिक्रमण कर निजी लाभ उठाया जा रहा है और नगरपालिका को चुना लगा रहे है जिसमे नगर पालिका ने बखूबी रोकने का प्रयास किया अतिक्रमणकरियो को नोटिस,कार्य स्थागन आदेश, जैसे कदम उठाये फिर भी कब्ज़ाधारियों ने किसी की नहीं सुनी और निर्माण करते चले गए और आज मकान दूकान बनाकर अपना व्यापार चला रहे
नगरपालिका का जांच प्रतिवेदन तहसीलदार साहब के केबिन में सड़ रहा, कब होगी कार्यवाही ?
नावा तालाब के अतिक्रमण का जांच प्रतिवेदन लगभग 4 महीने से ऊपर तहसीलदार कार्यालय में पड़ा हुआ है लेकिन किसी ने फाइल उठाकर कलम नहीं चलाई हलाकि उसका एक कारण लगातार तहसीलदार का तबादला बन सकता है किंतु तहसीलदार चन्द्रवंसी साहब के ऊपर उम्मीद जताई जा सकती है लेकिन नगर पालिका ने जाँच कर पूर्ण निर्माण मकानों को तोड़ने के लिए प्रतिवेदन तहसीलदर को भेज दिया गया है लेकिन मामला कही कागजो की फाइल मे गुम हो गया कई अधिकारी आकर चले गए लेकिन किसी ने कोई कार्यावही के लिए फाइल नहीं देख रहे कार्यावही न होना अधिकारियो की कार्यशैली पर सवाल उठता है आखिर क्यों अधिकारी कब्ज़ाधारियों पर कार्यावही नहीं कर रहे, आखिर क्यों कब्ज़ा होते सारंगढ़ के अधिकारी देख रहे,सूत्र बताते है साठ गांठ से मामला दबाया गया?कही ऐसा तो नहीं की मामला दबाने मे लग गए?सारँगढ़ नगर में तालाबो को संरक्षित करने की जरूरत है कलेक्टर साहब भी अतिक्रमण के विरुद्ध काफी सख्त है लगातर कब्ज़ा हटाने मे तहसीलदार, एस डी एम, से लेकर पटवारी तक को साफ निर्देश दे चुके है लेकिन सिर्फ कलेक्टर साहब सख्त नजर आ रहे उनके निचले स्तर की अधिकारी उनके आदेशों और निर्देशो को दरकिनार करते नजर आ रहे है फिलहाल कई महीने बीत जाने के बाद भी नावातालाब में अतिक्रमण करने वाले व्यवसायी व दुकान नही टूटा है ।जिस तरह से अतिक्रमण करने वाले के हौसले बुलंद है ये देखना लाजमी होगा कि नगर में कलेक्टर साहब की आदेशो की अवहेलना किस तरह हो रहा है अब देखना यह होगा की अधिकारी कब तक सुध लेते है या फिर साठ गांठ की टेबल मे दबे रहते है
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