वन्य जीव से फसल नुकसान एवं जनहानि पर मुआवजा राशि बढ़ाने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा
फसल नुकसान पर किसानो ने प्रतिएकड़ 65100 रुपये की उठाई माँग
सारँगढ़ योगेश कुर्रे (समय दर्शन )- दर्जनों हाथियों का दल लगातार 2 वर्षो से अभयारण्य क्षेत्रो में विचरण कर रहा है किसानों का फसल नुकसान व जनहानि को लेकर क्षेत्र में भय का मौहल स्थापित हो चुका है विगत दिनों एक दंतैल हाथी ने बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला और वन कर्मियों के मोटर सायकिल को तोडा गया हाथी के आतंक से क्षेत्र में दहशत है आक्रोशित अभ्यारण क्षेत्र वासियो ने कलेक्ट्रेड में निम्न मांगो को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री के नाम सहित कलेक्टर को ज्ञापन सौपा ।
गोमर्डा अभ्यारण सारंगढ़ के सैकड़ो ग्रामीणों ने बताया की गोमर्डा अभ्यारण सारंगढ़ अंतर्गत 28 गांव आते हैं जहां विगत कई वर्षों से हाथी एवं अन्य वन्य जीवों से किसानों के दलहन तिलहन फसलों के साथ धान की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है वर्तमान में हाथियों से फसल नुकसान पर जो मुआवजा राशि दी जा रही है वह वर्ष 2016 में निर्धारित दर प्रति एकड़ 9 हजार रूपये से दी जा रही है तब 1410 रूपये समर्थन मूल्य निर्धारित थी जबकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्वींटल है एवं 21 क्वींटल से अधिक धान की पैदावार किसान कर रहे हैं छतिपूर्ति राशि कम मिलने की वजह से हम किसानगण अपने फसलों को हाथी एवं अन्य वन्य जीव से बचाने का प्रयास करते हैं लेकिन दिनांक 17/10/2024 को गोमर्डा अभ्यारण के ग्राम दमदरहा में किसान संतराम बरिहा 75 वर्ष पर दोपहर में हाथी ने पैर से कुचलकर जिस प्रकार से मारा है
उससे हम समस्त अभ्यारणवासी अत्यंत डरे सहमे हैं हम किसानगणों को हाथी एवं अन्य वन्य जीव से फसल नुकसान पर वर्तमान प्रचलित समर्थन मूल्य 3100 रूपये एवं 21 क्वींटल एकड़ पैदावार के आधार पर 65100 रूपये मुआवजा राशि दी जावे जिससे की हम किसान कृषि कार्य हेतु ली गई बैंक केसीसी ऋण की अदायगी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें यह कि हमारे गोमर्डा अभ्यारण क्षेत्र के 28 गांव में सन् 1996 से जमीन कय विक्रय के पंजीयन प्रतिबंधित हैं भूमि कय विक्रय के पंजीयन खुलवाने एवं वनवासियों को वनोपज संग्रह का लाभ दिलाने कई बार आवेदन ज्ञापन दे चुके हैं किन्तु आज पर्यंत हमारी समस्याओं के समाधान हेतु उचित पहल नहीं की गई है हमारी जीविका का एक मात्र स्रोत कृषि है जिसके लिए बिजली पानी अत्यंत आवश्यक है किन्तु बिजली विभाग द्वारा ट्यूब वेल में मोटर पंप संचालन हेतु स्थाई कनेक्शन की मांग करने पर नहीं दी जा रही है और वन विभाग अस्थाई कनेक्शन के लिए अनुमति नही दे रहा है ऐसे में हम किसान शासन प्रशासन की अलग अलग नितियों से त्रस्त एवं परेशान हैं जिससे पूरे अभ्यारण अंचल के साथ साथ सीमावर्ती ग्रामों के किसानों में आक्रोश व्याप्त हो रही है। एवम
उल्लेखित पहलुओं पर विचार कर अभ्यारणवासियों एवं किसानों की जानमाल एवं फसलों की सुरक्षा के साथ वन्य जीव से फसल नुकसान एवं जनहानि पर पट्टाधारी किसानों के साथ साथ शासकीय भूमि में कब्जाकाश्त कर कृषि कार्य करने वाले किसानों को भी छतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान कर छत्तीसगढ़ में प्रचलित वर्तमान समर्थन मूल्य के आधार पर छतिपूर्ति राशि में वृद्धि करें।
निम्न मांग
1.जनहानि एवं फसल नुकसान पर छतिपूर्ति राशि में वृद्धि करने।
2 .बिजली विभाग के अधिकारियों से किसानों को स्थाई कनेक्शन देने के संबंध में।
3.पटवारियों को ग्राम पंचायत मुख्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने एवं किसानों के कार्यों को प्राथमिकता नही देने वाले पटवारियों को स्थानांतरित करने के सम्बंध ।
4.वन्य जीव से छतिपूर्ति पर 15 दिनों के अंदर मुआवजा राशि भुगतान करने के संबंध में ज्ञापन।
5.गोमर्डा अभ्यारण क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में जल जीवन मिशन के तहत अधूरे निर्माण को पूर्ण कराने ।
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