November 22, 2024

कौन होगा विजेता वीआईपी राजमहल प्रत्याशी या एक आम कार्यकर्ता

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सारंगढ़ – वोटिंग को लेकर महज कुछ दिन बचे हुए है ऐसे में भाजपा कांग्रेस का बड़े से बड़े दिग्गज नेता रायगढ़ लोकसभा सीट को निकालने बड़े चेहरे आमसभा करते नजर आ रहे है विगत दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सारंगढ़ के कोसीर में आमसभा किया अब वोटिंग के महज दिन पीछे प्रदेश सरकार की कमान संभाल रहे मुख्यंत्री साय सारंगढ़ पहुंचने की तैयारी में चल रहा आपको बता दे आगामी 4 तारिक को मुख्यमंत्री के आने की संभावनाएं जताई जा रही है
लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण के लिए वोटिंग की तिथि नजदीक आ रही है जिसमें रायगढ लोकसभा भी शामिल है तथा डाक मतपत्र से वोटिंग छब्बीस अप्रेल से शुरू भी हुआ है जिसमें पत्रकारों को भी अनिवार्य सेवा के तहत लिए जाने के कारण इस बार डाक मत से भी पत्रकार वोट कर रहे अधिमान्य पत्रकार दीपक थवाईत ने डाक मतपत्र से मतदान किया ।वहीं बात अगर रायगढ लोकसभा की करें तो इस बार कांग्रेस ने सारंगढ एक ऐसे प्रत्यासी को चुना है जिसे जनता तो भली भाती जानती है लेकिन जितना जानती है उतना जनता के साथ जुड़ाव नही बना रहा ? राजपरिवार की मेनका सिंह को टिकट दिया है जैसे ही टिकट में राजपरिवार का नाम सामने आया नगर और ग्रामीण क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया सूत्र बताते है की जिसमें कुछ नागरिकों ने मेला विरोधी की बात कहते हुए वोट ना देने तक की अपील सारंगढ के प्रमुख वाट्सएप ग्रुपों में कर दिया।वहीं टिकट घोषित होने के बाद पहली बार राजमहल में आयोजित प्रेसवार्ता में कुछ पत्रकारों ने महल में मिलने आने पर लगने वाले समय व दरवाजे में लगने वाले आम प्रवेश वर्जित के बोर्ड पर भी प्रश्न किया था जिसके उत्तर में राजपरिवार के सदस्यों ने जवाब दिया था कि महल में परिवार रहता है जिसमें कई बार महिलाएं अकेले रहती हैं इसी कारण ऐसी व्यवस्था करनी पडी है वहीं सूत्रों की माने तो एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की सलाह पर वर्तमान में आम प्रवेश वर्जित के बोर्ड को हटा लिया गया है लेकिन सिर्फ बोर्ड हटा देने से वर्षो से लगे बोर्ड का संदेश जहा अमजानता में घर कर गया की राजमहल किसी अमजनता के लिए नहीं है उसे हटा पाना या मिटा पाना संभव नही लग रहा? क्षेत्र की जनता यह भी बात करते नजर आ रहे की राज घराना में प्रदेश के अन्य राज घराना को लेकर भी चर्चा करते नजर आ रहे की सारंगढ़ की राजदरबार जनता के लिए वर्षो पहले बंद हो चूके है और राजपरिवार महल में सीमित हो चुके थे जबकि अन्य राज परिवार आज भी जनता के बीच है उनकी पीड़ा सुनते है राजनीति में सक्रिय रहकर जनता तक पहुंचते है लेकिन सारंगढ़ का तो हाल कुछ और ही बता रहा ?
बहरहाल वर्तमान में यह मुकाबला मोदी की गारंटी पर आश्रित एक आम आदमी वर्सेज एक वीआईपी का मुकाबला नजर आता है तथा वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी के आदिवासी कोटे से टिकट मिलने पर भाजपा के मंत्री रामविचार नेताम ने प्रश्न उठाया था जिसका राजपरिवार ने खण्डन करते हुए कहा था कि ये मूलतः आदिवासी परिवार की बेटी हैं।बहरहाल देखना यही बाकी है कि क्षेत्र की जनता किस पर भरोसा करती है और किसे रायगढ लोकसभा का ताज सौंपती है।