August 10, 2025

हर राखी दिल से बंधती है कलाई से नहीं : जन्मजय

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सरायपाली : खबर निरीक्षण

सरायपाली विकास खंड के अंतर्गत कटंगपाली(बलौदा)में वैदिक ऋषि परंपरा के तहत श्रावणी उपकर्म रक्षाबंधन पावन पर्व के शुभ अवसर पर स्वामी सुमेधानंद वैदिक गुरुकुल में नवप्रवेशी ब्रह्मचारियों का उपनयन संस्कार एवं अभिभावक,शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वंदेमातरम् सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष जन्मजय नायक भी सम्मिलित हुए।इस अवसर पर नायक ने अपने उद्बोधन में कहा आज के समय में जब शिक्षा प्रणाली में मूल्यों और नैतिकता पर कम ध्यान दिया जाता है,गुरुकुल शिक्षा पद्धति का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यहां छात्रों को न केवल ज्ञान और कौशल प्रदान करती है बल्कि एक बेहतर इंसान बनाने में भी मदद करती है एवं”गुरुकुल जीवन निर्माण की सच्ची आधारशिला है।”
यहां केवल शैक्षणिक व्यव्स्था ही नहीं है अपितु समग्र जीवन और मानव निर्माण की प्रक्रिया है।
नायक ने उपनयन संस्कार पर प्रकाश डालते हुए कहा,यह संस्कार 16 संस्कारों में से10वां संस्कार है।यह संस्कार बच्चे को गुरू के पास ले जाकर “औपचारिक शिक्षा की शुरूआत के साथ ज्ञान,आध्यात्मिकता,अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
यहां बालक के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है जो उसे एक जिम्मेदार और ज्ञानी बनने की दिशा में प्रेरित करता है।
नायक ने अभिभावक शिक्षक बैठक के संबध में कहा”यह बैठक बच्चे की शैक्षिक यात्रा को आकार देने में एक अभिन्न भूमिका निभाता है l
बच्चे के प्रदर्शन के बारे में संवाद करने के लिए एक साझा स्थान बनाती है और उनके बीच लगातार संवाद बच्चे के व्यक्तिगत विकास और समग्र कल्याण में भी मदद करता है।
यह उन कारकों में से एक है जो बच्चे के स्वतंत्र रूप से बढ़ने और विकसित होने के लिए मजबूत नींव रखते हैं।
नायक ने रक्षाबंधन पर्व के संदर्भ में अपने उद्बोधन में कहा रक्षाबंधन हर मुसीबत में साथ निभाने का वादा है।बहन की राखी में छुपा होता है भाई के लिए एक अनमोल अहसास उसकी सुरक्षा करना,उनकी खुशियों में शामिल होना और हमेशा उसका साथ देने का वादा।
नायक ने आगे कहा-“रिश्ते सिर्फ खून से नहीं बल्कि भावना से जुड़े होते हैं और जब उन भावनाओं को सही दिशा और सच्चे मन से निभाया जाए तो हर राखी दिल से बंधती है कलाई से नहीं।
इस अवसर पर गुरुकुल के संस्थापक स्वामी रविन्द्र दास,संचालक ऋषि राजआर्य,महेन्द्र पसायत,अर्जुन कुजूर,आनंद भोई सहित गुरुकुल परिवार के मान्य पदाधिकारियों,सदस्यों,अभिभावक माता-पिता,बच्चों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।सभा का कुशल संचालन ऋषि राज आर्य ने किया।