सारंगढ़ बिलाईगढ़ – फर्जी धान खरीदी को लेकर सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला खूब सुर्खियां मे रहा जहा लाखो करोडो का फर्जी पंजीयन व धान खरीदी कर घोटाला को अंजाम दिया गया ऐसा ही एक मामला भटगांव विकाशखण्ड के जमगहन धान खरीदी केंद्र मे हुआ फर्जीवाडा निजी जमीन के साथ संस्था की जमीन पंजीयन किया गया और साथ ही कृषक उन्नति योजना के तहत 4 लाख रुपये से अधिक की राशि का बेजा लाभ उठाया गया साल 2023 –24 को प्रेम भुवन प्रताप स्कूल की लगभग 7 हेक्टेयर से अधिक जमीन का फर्जी पंजीयन किया गया और छत्तीसगढ़ सरकार को खूब चुना लगाया गया इस फर्जी को अंजाम किसने दिया किसान पंजीयन की प्रक्रिया धान खरीदी /उपार्जन केंद्र सोसायटी मॉडुल मे किया जाता है या तो फिर तहसील मॉडुल आखिर कौन हैँ इसका फर्जी पंजीयन मास्टरमाइंड यह भी अब जाँच का विषय हैँ ?
फर्जी पंजीयन और खरीदी रोकने जिला प्रशासन देते रहे कड़े निर्देश और होता रहा फर्जी पंजीयन
फर्जी पंजीयन और खरीदी मामले को लेकर सरकार ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिया गया था जिसमे सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला प्रशासन लगातार कई मीटिंग कर साफ तौर पर कड़े निर्देश दिए गए थे जिसमे फर्जी पंजीयन को रोकना उनका प्राथमिकता था किंतु फर्जी खरीदी पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास किया गया लेकिन उसके बाद भी जमगहन समिति में फर्जी पंजीयन किया गया और उसमे बकायदा धान भी खरीदी कर लिया गया जबकि साफ तौर पर यह भी निर्देश हैँ की अगर कही से कोई फर्जी पंजीयन अगर हो जाता है तो उसमे खरीदी रोक देने की बात कही जा रही थी लेकिन समिति से लेकर तहसील तक सेटिंग लोडिंग की दम पर फर्जीवाडा को अंजाम दिया गया होगा?
फर्जी पंजीयन के बारे में प्रबन्धक ने कहा – कि हमारे जमगहन समिति से पंजीयन नहीं हुआ है तहसील के मॉड्यूल से पंजीयन हुआ है और भला मैं कैसे तहसीलदार साहब के आदेश का उल्लंघन कैसे कर सकता हु तहसीलदार के आदेश अनुसार धान खरीदी हमारे द्वारा किया गया है प्रबंधक ने यह भी कहा कि जब मुझे पता चला तो खरीदी रोक दिया गया था लेकिन साहब ने आदेश किया तो करना पड़ा वही सवाल यह भी पूछा गया कि आखिर क्या प्रेम भुवन स्कूल भूमि को जिसके नाम से पंजीयन किया गया है उस किसान को कृषि उन्नत योजना के तहत लाभ दिया जा सकता है कि नही तो जबाब में साफ कहा की नही मिल सकता है
तहसीलदार साहब ने किया पंजीयन फर्जी या सही जांच का विषय इस सम्बंध में जब जानकारी निकाली गई तो पता चला कि अर्पण कुर्रे तहसीलदार थे उनसे भी दूरभाष के माध्यम से जानकारी ली गई तो उनका सौफ तौर पर कहना था कि जिस तरह से पहले पंजीयन किया गया वैसे ही हमने किया जो भी किसान ने दस्तावेज दिया उसी के आधार पर किया गया तहसीलदार साहब ने कोई फर्जी नही हुआ बताया गया और हुआ है तो जांच करा लें अगर पंजीयन सही है तो आखिर किसान को फिर कैसे कृषक उन्नति राशि प्रदान किया गया किस नियम के तहत किया गया ये सबसे बड़ा सवाल है फिलहाल जांच का विषय है लेकिन देखा जाए तो फर्जी धान पंजीयन कर किसान दरस राम साहू को बेजा लाभ दिलवाया गया है इस बात को भी नकारा नही जा सकता अब ये बहुत बड़ा सवाल उठता है कि तहसीलदार साहब स्कूली भूमि को फर्जी पंजीयन कैसे कर सकते है सरकार को अंधेरे में रख कर यू कहे कि साफ तौर पर चुना लगाया गया है लाखो रुपया का किसान धान बिक्री कर उन्नत कृषि योजना के तहत लाखो रुपया का बेजा लाभ मिल गया अब समाचार प्रकाशित होने के बाद देखना होगा कि जिले के कलेक्टर साहब क्या संज्ञान लेते है क्या किसान को मिली कृषि उन्नत योजना के तहत मिली लाखो रुपया की राशि शासन वापस लेगी और फिर फर्जी धान पंजीयन को लेकर जांच कर फर्जी करने वाले जिम्मेदार अधिकारीयो ऊपर कार्यवाही होगा ?
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